साबूदाने की खिचड़ी फ़लहारी व्यंजन है। मुख्यतः व्रत उपवास में बनाकर खाई जाती है।फ़लहारी व्यंजनके रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।यह एक महराष्ट्रीय व्यंजन है पर सभी जगह इसे बड़े चाव से खाया जाता है।
नाश्ते में भी इसको खाया जाता है,यदि आप इसको उपवास के लिए बना रहे हैं तो इसमें सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें।
साबूदाने 3 तरह के होते हैं एक बहुत बड़े एक सामान्य आकार और एक छोटे जिन्हें मोती साबूदाना भी कहा जाता है मीडियम साबूदाने की और छोटे साबूदाने की खिचड़ी बनाई जाती है।
बड़ा वाला साबूदाने को तल कर नमकीन में डालने के काम आता है साबूदाने की खीर बनाई भी जाती है और व्रत में खाई जाती है।
अक्सर सबकी शिकायत रहती है कि साबूदाने की खिचड़ी चिपचिपी बनती है पर में आपको वह तरीका बताने जा रही हूँ जिसमें साबूदाने की खिचड़ी एकदम खिली खिली बनेगी।
मैं अक्सर सबसे छोटे वाले साबूदाने की खिचड़ी बनती हूँ,एक बार मेरे तरीके से भी छोटे वाले साबूदाने की खिचड़ी बनाकर देखें।
साबूदाने की खिचड़ी बनाने सामग्री
- आधा कप साबूदाने
- दो छोटे आलू
- आधा कप मूंगफली
- 1/2 छोटे चम्मच जीरा
- 3 हरी मिर्च बारीक कटी
- नमक स्वाद अनुसार
- दो चम्मच घी या तेल
- बारीक कटा हुआ धनिया
साबूदाने की खिचड़ी बनाने की विधि
सबसे पहले साबूदाने को साफ करें और दो-तीन पानी से धोकर कम से कम 3 घंटे के लिए पानी में भिगो दें ध्यान रखें की पानी की मात्रा साबूदाने के बराबर हो।
या फिर साबूदाने धोकर उसमें ढेर सारा पानी डाल कर कर रख दे, आधे घंटे बाद पूरा पानी निकाल दें फिर साबूदाने को ढांककर गलनें के लिए छोड़ दें।
मूंगफली को कढ़ाई गर्म करके धीमी आंच पर सेंक लें ,फिर उनका छिलका उतारकर ग्राइंडर में दरदरा पीस लें।
आलू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में डालकर रखेँ।
मीडियमआंच से एक कढ़ाई में घी या तेल डालकर तेल गर्म होने पर इसमें जीरा डालें हरी मिर्च के टुकड़े डालें चाहे तो मीठी नीम के पत्ते भी डाल सकते हैं और आलू डालकर फ्राई करें थोड़ा सा नमक मिला दें।
आलू पक जाने पर पिसी मूंगफली डालकर थोड़ा चलाएं फिर गला हुआ साबूदाने डालकर अच्छी तरह से तेज आंच पर लगातार चलाते रहें।
इसमें साथ में स्वादानुसार नमक मिलाएं तथा यदि चाहे तो एक चम्मच शक्कर भी डाल सकते हैं ।
चलाते हुए साबूदाने एकदम पारदर्शी हो जाएंगे आपकी सबूदानें की खिचड़ी तैयार है ।इसमें हरी धनिया डाल कर इसे दही के साथ सर्व करें।
इसमें नीबू का रस भी डाल सकतें हैं।
साबूदाने की खिचड़ी
Course: Fruitarian(Phalahar)Cuisine: Indian2
servings3
hours15
minutes15
minutes420
kcal3
hours30
minutesसाबूदाने की खिचड़ी मुख्यतः व्रत उपवास में बनाकर खाई जाती है।फ़लहारी व्यंजनके रूप में इसका प्रयोग किया जाता है। मैं अक्सर सबसे छोटे वाले साबूदाने की खिचड़ी बनती हूँ,एक बार मेरे तरीके से भी छोटे वाले साबूदाने की खिचड़ी बनाकर देखें।
Ingredients
आधा कप साबूदाने
दो छोटे आलू
आधा कप मूंगफली
1/2 छोटे चम्मच जीरा
3 हरी मिर्च बारीक कटी
नमक स्वाद अनुसार
दो चम्मच घी या तेल
बारीक कटा हुआ धनिया
Directions
- सबसे पहले साबूदाने को साफ करें और दो-तीन पानी से धोकर कम से कम 3 घंटे के लिए पानी में भिगो दें ध्यान रखें की पानी की मात्रा साबूदाने के बराबर हो।
- या फिर साबूदाने धोकर उसमें ढेर सारा पानी डाल कर कर रख दे, आधे घंटे बाद पूरा पानी निकाल दें फिर साबूदाने को ढांककर गलनें के लिए छोड़ दें।
- मूंगफली को कढ़ाई गर्म करके धीमी आंच पर सेंक लें ,फिर उनका छिलका उतारकर ग्राइंडर में दरदरा पीस लें।
- आलू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में डालकर रखेँ।
- मीडियमआंच से एक कढ़ाई में घी या तेल डालकर तेल गर्म होने पर इसमें जीरा डालें हरी मिर्च के टुकड़े डालें चाहे तो मीठी नीम के पत्ते भी डाल सकते हैं और आलू डालकर फ्राई करें थोड़ा सा नमक मिला दें।
- आलू पक जाने पर पिसी मूंगफली डालकर थोड़ा चलाएं फिर गला हुआ साबूदाने डालकर अच्छी तरह से तेज आंच पर लगातार चलाते रहें।
- इसमें साथ में स्वादानुसार नमक मिलाएं तथा यदि चाहे तो एक चम्मच शक्कर भी डाल सकते हैं ।
- चलाते हुए साबूदाने एकदम पारदर्शी हो जाएंगे आपकी सबूदानें की खिचड़ी तैयार है ।इसमें हरी धनिया डाल कर इसे दही के साथ सर्व करें।
- इसमें नीबू का रस भी डाल सकतें हैं।
Notes
- साबूदाने की खिचड़ी अच्छी बनाने के लिए साबूदाने का फूलना जरूरी है। गले साबूदाने को दबाकर देखें,पूरा दाना आराम से दब कर चपटा हो जाएगा उसमें कड़ापन नहीं रहेगा
- साबूदाना जितनी मात्रा में लें लगभग मूंगफली की मात्रा भी बराबर रखें।
- यदि आप चाहें तो आलू पकनें के बाद एक टमाटर भी बारीक काटकर मिला सकते है, टमाटर अच्छे से भुन जाए उसके बाद साबूदाना मिला कर पकाना होगा।