अमरूद की चटनी बनाने की विधि -amrood chatny recipe in hindi- आज आपको अमरूद जिसे अंग्रेजी में Guava कहते है उसकी चटनी बनाने की विधि बताने जा रहें हैं। अमरूद एक मीठा फल है सर्दियों में काफी रसीला व स्वादिष्ट मिलता है।अमरूद की चटनी बनाना बहुत आसान है।
अमरूद की चटनी बनाने से पहले हम अमरूद के बारे में कुछ जानते हैं।
अमरूद-
अमरूद (Guava) भारत में मिलने वाला एक साधारण फल है। अधिकांश घरों या ग्रामीण इलाकों में इसके पेड़ मिल जाते हैं। कुछ पाश्चात्य विद्वानों का कहना है कि इसे अमेरिका से यहाँ पुर्तगीज लोगों द्वारा लाया गया है।
यह भी कहते है कि अमरूद का पेड़ (Guava Tree) भारतवर्ष के कई स्थानों पर जंगलों में होता है। परंतु सच यह है कि जंगली आम, केला आदि के समान इसकी उपज अत्यन्त प्राचीन काल से हमारे यहाँ होती रही है तथा यह यहाँ का ही मूल फल है।
अमरूद मीठा और स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है। सर्दियों में अमरूद खाने के फायदे ही फायदे हैं।
दंत रोगों के लिए अमरूद रामबाण साबित होता है। अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों के कीड़ा और दांतों से सम्बंधित रोग भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा भी ये कई औषधीय गुणो के लिए जाना जाता है।
अमरूद को सुपर फ्रूट इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें संतरे से चार गुना ज्यादा विटामिन-सी और पाइनएप्पल से 3 गुना ज्यादा प्रोटीन और चार गुना ज्यादा फाइबर पाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि इसमें केले से अधिक पोटैशियम होता है।
अमरूद की तासीर ठंडी होती है,दोपहर के समय में इसे खाया जा सकता है। इसे दोपहर के खाने से एक घंटे पहले या दोपहर के खाने के 2 घंटे बाद तक खाया जा सकता है। इसके अलावा देर शाम, सुबह जल्दी या रात में इसे खाने से बचना चाहिए।
अमरूद के पत्ते के फायद-
अमरुद का फल जितना स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है उसकी पत्तियां भी उतनी ही लाभदायक हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अमरुद की पत्तियों में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी का गुण पाया जाता है जो कि रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है और कई मौसमी बीमारियों से बचाता है।
अमरूद की पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं।
लेकिन ज्यादातर लोगों को इसका सेवन करने का सही तरीका नहीं जानते हैं।
कई रोगों में इसको काढ़े के रूप में अमरूद के पत्तेको दिया जाता है कही पेस्ट के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है लेकिन इसका सेवन किसी जानकार के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
आज में आपको भुने अमरूद की चटनी बनाना बात रही हूँ,पहले सर्दियों में आग तापने के लिए जलायी जाती थी,उसी में लोग अमरूद भटे आलू भून कर खाया करते थे लेकिन अब हमलोग को ये काम गैस के बर्नर पर जाली रख कर करना पड़ता है।
आज हम अमरूद भून कर उसकी चटनी बनाएंगे,भुना अमरूद के खाने से खांसी में राहत मिलती है ऐसा दादी नानी कहा करती थीं।
आप इस तरह से अमरूद की चटनी बनाए और मुझे कमेन्ट करके बताएं की कैसी बनी?
अमरूद की चटनी बनाने की सामग्री-
- 1 अमरूद पका हुआ मध्यम आकार का
- 1/2 कटोरी हरी धनिया की पत्ते साफ कर धुले हुए
- 1 हरी मिर्च
- 1 चम्मच भुना जीरा
- 1 छोटी चम्मच नमक
अमरूद की चटनी बनाने की विधि-
- अमरूद को गैस पर जाली रख कर भून लें।
- 10 मिनिट में यह अच्छे से भून जाएगा।
- इसको ठंडा होने दें।
- अमरूद के ऊपर का जला छिलका साफ कर इसको साफ पानी से धो लें।
- अमरूद के बीच के बीज जो आसानी से अलग हो सकते हें उनको अलग निकाल दें।
- मिक्सर जार में भुना अमरूद,धनिया पत्ते ,हरी मिर्च,भुना जीरा,नमक मिलाकर चटनी पीस लें।
- इस चटनी को दोपहर के भोजन में सर्व करें। यह दाल,चावल,रोटी,सब्जी के साथ थाली में अच्छा स्वाद देती है।
- इस चटनी को पराठे पुरी के साथ भी सर्व किया जा सकता है ।
नोट –
आप कच्चे अमरूद की भी चटनी बना सकते हैं,लेकिन कोशिश करें कि इसके बीज जितनी मात्रा में अलग हो सके कर दें।
अमरूद बीज आसानी से पिसते नहीं हैं और कभी कभी दांतों व मसूँड़ों में फस कर परेशानी देते हैं। जिनके दांत मजबूत हैं वे आसानी से इसको चबा लेते हें पर अधिकांश लोग अमरूद के बीज से परेशान होते हैं।
अमरूद खाने के क्या फायदे हैं
अमरूद हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है,आपके दिल की सुरक्षा के साथ-साथ शुगर के लेवल को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है (यह एक कार्डियो प्रोटेक्टिव है)।
यह आंखों के लिए अच्छा है, दृष्टि में सुधार करता है क्योंकि इसमें विटामिन-ए की मात्रा अधिक होती है।
विटामिन-सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण त्वचा और बालों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
पाचन को सही करने में अमरूद मदद करता है। अमरूद खाने से कब्ज की परेशानी में आराम मिलता है, साथ ही ये वजन पर भी कंट्रोल करता है। अमरूद में विटामिन सी भी होता जो हमारी इम्यूनिटी स्ट्रांग करने में मददगार होता है।
अमरूद की तासीर क्या होती है?
अमरूद की तासीर ठंडी होती है। ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने का रामबाण इलाज है। अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
अमरूद कब नहीं खाना चाहिए?
जो लोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (gastrointestinal) पेट की समस्या से ग्रस्त है वे अमरूद का कम सेवन करें। इसके अलावा उल्टी या पेट दर्द की समस्या होने पर भी अमरूद का सेवन न करें।
अमरूद की चटनी बनाने की विधि -amrood chatny recipe in hindi
Course: Pickle and ChutneyCuisine: Indian4
servings10
minutes10
minutes10
kcal20
minutesअमरूद की चटनी बनाने की विधि -amrood chatny recipe in hindi- आज आपको अमरूद जिसे अंग्रेजी में Guava कहते है उसकी चटनी बनाने की विधि बताने जा रहें हैं। अमरूद एक मीठा फल है सर्दियों में काफी रसीला व स्वादिष्ट मिलता है।अमरूद की चटनी बनाना बहुत आसान है।
Ingredients
1 अमरूद पका हुआ मध्यम आकार का
1/2 कटोरी हरी धनिया की पत्ते साफ कर धुले हुए
1 हरी मिर्च
1 चम्मच भुना जीरा
1 छोटी चम्मच नमक
Directions
- अमरूद को गैस पर जाली रख कर भून लें।
- 10 मिनिट में यह अच्छे से भून जाएगा।
- इसको ठंडा होने दें।
- अमरूद के ऊपर का जला छिलका साफ कर इसको साफ पानी से धो लें।
- अमरूद के बीच के बीज जो आसानी से अलग हो सकते हें उनको अलग निकाल दें।
- मिक्सर जार में भुना अमरूद,धनिया पत्ते ,हरी मिर्च,भुना जीरा,नमक मिलाकर चटनी पीस लें।
- इस चटनी को दोपहर के भोजन में सर्व करें। यह दाल,चावल,रोटी,सब्जी के साथ थाली में अच्छा स्वाद देती है।
- इस चटनी को पराठे पुरी के साथ भी सर्व किया जा सकता है ।
Notes
- आप कच्चे अमरूद की भी चटनी बना सकते हैं,लेकिन कोशिश करें कि इसके बीज जितनी मात्रा में अलग हो सके कर दें।
- अमरूद बीज आसानी से पिसते नहीं हैं और कभी कभी दांतों व मसूँड़ों में फस कर परेशानी देते हैं। जिनके दांत मजबूत हैं वे आसानी से इसको चबा लेते हें पर अधिकांश लोग अमरूद के बीज से परेशान होते हैं।